यह ऐतिहासिक एवं धार्मिक नगरी छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले के मस्तूरी तहसील में स्थित है| यहाँ ताम्र पाषाण काल से लेकर मध्यकाल तक का क्रमबद्ध इतिहास प्राप्त हुए है| इस स्थल से मौर्यकाल की ईंटों का दीवार भी मिली है| यहाँ से प्राप्त रोमन सिक्कों के आधार पर माना जाता है कि यह क्षेत्र विदेश व्यापार से संबंध था| इस स्थल का प्राचीन नाम "मल्लाल" था| इसे "छत्तीसगढ़ का मल्लालपत्तनम" कहा जाता है| 10वीं से 13वीं के दशक तक मल्हार में विशेषतः शिव मंदिरों का निर्माण हुआ है| यहाँ निर्मित केदारेश्वर मंदिर (पतालेश्वर मंदिर) सर्वाधिक महत्वपूर्ण है| इस मंदिर का निर्माण सोमराज नामक एक ब्राम्हण द्वारा कराया गया| मल्हार के दर्शनीय स्थलों में संग्रहालय, डिंडेश्वरी मंदिर (कल्चुरीकालीन) आदि हैं| यहाँ के डिंडेश्वरी मंदिर में शुद्ध ग्रेनाइट से निर्मित प्रतिमा है|
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