- इसमें बाँस एक प्रकार की घास की प्रजाति है|
- आदिवासियों के आर्थिक जीवन तथा कागज उद्योग के लिए महत्वपूर्ण है|
- छत्तीसगढ़ में यह वन 6.49% भाग पर विस्तृत है है|
- प्रदेश के वनोपज से प्राप्त कुल आय में से 20% योगदान बांस का है|
- बांस से लुग्दी, कागज, घर, टोकरी, सूपा, झाड़ू, टट्टा, चटाई आदि बनाये जाते हैं|
- यहाँ मुख्यतः नर बांस ही प्राप्त होते है|
- बैनेट एवं गौर के सर्वे के अनुसार 9 प्रजाति की ही पुष्टि हो सकी| प्रदेश में लगभग 80 प्रजातियां मिलने का अनुमान है|
- सरगुजा वनमंडल तथा कांकेर वन वृत्त कटंग बांस के लिए प्रसिद्द है|
- यह कमार जनजाति के आजीविका का आधार है|
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