पोरा लोकपर्व

यह छत्तीसगढ़ के किसानों का लोकप्रिय पर्व है| भाद्र माह में किसान बुआई, रोपाई तथा निंदाई के बाद अपने सर्वाधिक उपयोगी पशु बैल के प्रति धन्यवाद अर्पित करते हुए साज-सज्जा के साथ बैल की पूजा-अर्चना करते हैं| इस पर्व में महिलाएं गाँव के मैदान जाकर मिट्टी के छोटे घड़े (पोला) को परम्परागत रिवाजों के साथ विसर्जित करती है एवं समस्त ग्रामवासी मिलकर उत्सव मानते हैं| बच्चें मिट्टी के बैलों को प्रतीकात्मक रूप से सजाकर पूजा करने के बाद खेलते हैं| वस्तुतः यह पर्व कृषक व उसके मूक पशु के परस्पर प्रेम का प्रतीक है|


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