- इस निर्माण नीस, डायोराइट आदि चीकाप्रधान चट्टानों से होता है|
- इस मिट्टी में लौह तत्व की अधिकता के कारण इसका रंग लाल होता है|
- रेत के अनुपात में क्ले की मात्रा अधिक होने के कारण इसे दोमट मिट्टी की संज्ञा दी गई है|
- इस प्रकार की मिट्टी अम्लीय प्रवृत्ति की होती है|
- यह कम आर्द्रताग्राही होने के कारण जल के अभाव में कठोर हो जाता है अतः इस मिट्टी में कृषि हेतु अधिक जल की आवस्यकता होती है|
- इस प्रकार की मिट्टी में खरीब मौसम में धान की अच्छी खेती होती है|
- राज्य के 10-15% भाग में इस मिट्टी का विस्तार है|
- यह प्रदेश के बस्तर, सुकमा, बीजापुर एवं दंतेवाड़ा जिलों में पायी जाती है|
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