भोजली लोकपर्व

छत्तीसगढ़ में भोजली एक प्रमुख लोकपर्व है| भोजली को घर की महिलाएं बोती है| एक-दूसरे के घर जाकर इसकी सेवा करने की भी परम्परा है| इससे घरों में बड़े उत्साह का वातावरण बा जाता है| यह भोजली सावन-पूर्णिमा होने के बाद विसर्जित कर दी जाती है| इसे रक्षाबंधन के दूसरे दिन विसर्जित किया जाता है| कुँवारी कन्याएं इसे सिर पर रखकर तालाब ले जाती हैं| जहां नाते का भाई भोजली उठाता है| इसमें भी जंवारा जैसे भोजली बांटने की परम्परा है|


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