भौगोलिक आधार पर इस प्रदेश का विस्तार 19˚47" उत्तरी अक्षांश से 23˚07" उत्तरी अक्षांश तक तथा 80˚17" पूर्वी देशांतर से 83˚52" पूर्वी देशांतर तक है|
इस प्रदेश का कुल क्षेत्रफल 68,064 वर्ग किमी है, जो छत्तीसगढ़ राज्य के 50% से अधिक भाग पर है|
यह प्राकृतिक प्रदेश छत्तीसगढ़ राज्य के सभी प्रदेशों में सबसे बड़ा प्रदेश है और यह छत्तीसगढ़ राज्य का हृदयस्थल कहलाता है|
इस प्रदेश के अंतर्गत सम्पूर्ण बिलासपुर व रायपुर संभाग तथा राजनांदगांव के मोहेला मानपुर को छोड़कर सम्पूर्ण दुर्ग संभाग सम्मिलित है|
भौतिक संरचना की दृष्टि से इस प्रदेश में पुराने संघ की कड़प्पा चट्टान की प्रधानता है|
इस प्रदेश पर रिम लैण्ड का निर्माण होता है, जिसके कारण इसकी आकृति कटोरे के समान बनती है|
आदि काल से यह प्रदेश धान के फसल के लिए प्रसिद्द रहा है| इसलिएइस कारण छत्तीसगढ़ के मैदान को धान का कटोरा की संज्ञा दी जाती है|
इस सम्पूर्ण भाग में लाल-पीली मिट्टी पाई जाती है|
समतल धरातल तथा सुव्यवस्थित नदी तंत्र के कारण यह क्षेत्र अग्रणी कृषि उत्पादक है| तिल्दा, भाटापारा औद्योगिक क्षेत्र चावल उद्योग के लिए राष्ट्रीय स्टार पर जाने जाते है|
इस प्रदेश के धरातल की ढाल पूर्व की ओर है|
इस प्रदेश में कड़प्पा चट्टान के कारण चुना प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है| इसलिए इस प्रदेश का प्रमुख खनिज चुना है|
इस प्रदेश में कोयला का विशाल भण्डार है, जिसके कारण ताप विद्युत संयत्र निर्मित है| छत्तीसगढ़ में कोरबाऊर्जा की राजधानी कहलाती है|
इस प्रदेश के अधिकांश भाग पर महानदी अपवाह तंत्र का विस्तार है|
महानदी, छत्तीसगढ़ की जीवनदायिनी कहलाती है, जिसका इस प्रदेश के सिहावा पर्वत से उद्गम हुआ है| इसकी कुल लंबाई 858 किमी है तथा प्रदेश में कुल 286 किमी की लम्बाई तक बहती है|
इस प्रदेश में उष्ण कटिबंधीय उपार्द्र मानसूनी जलवायु पायी जाती है|
इन क्षेत्रों में औसत 100 सेमि से 150 सेमी के मध्य वर्षा होती है|
यह प्रदेश छत्तीसगढ़ की भौतिक प्रदेश में सबसे गर्म प्रदेश है| जांजगीर चाम्पा जिले में स्थित चाम्पा इस प्रदेश का सबसे गर्म स्थान है|
यह क्षेत्र कृषि उत्पादन में अग्रणी है| इसलिए धान इस क्षेत्र का मुख्य फसल है|
छत्तीसगढ़ के प्रदेशों में यह सर्वाधिक जनसंख्या घनत्व वाला प्रदेश है|
इन कक्षेत्रों में मूलतः कमार जनजाति निवास करती है|
महानदी बेसिन मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के मध्य प्राकृतिक सीमा का निर्माण करती है|
इस प्रदेश में स्थित पहाड़िया: रदन की पहाड़ियां(महासमुंद), सिहावा नगरी की पहाड़ियां(धमतरी), कांदावानी की पहाड़ियां(कबीरधाम), पानाबरस की पहाड़ियां(राजनांदगांव) आदि|
छत्तीसगढ़ की कांदावानी की पहाड़ियां, पानाबरस की पहाड़ियां, चंडीडोंगर और चितवाडोंगर की पहाड़ियां मैकल पर्वत श्रेणी के अंतर्गत आता है|
बदरगढ़(1176 मीटर ऊँचाई) इस प्रदेश की सबसे ऊँची छोटी है|
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