- ये जलीय अवसादी चट्टानें होती है, जो आर्कियन चट्टानों के अपरदन से निर्मित होती है|
- इस समूह के चट्टानों में भी जीवाश्म नहीं पाए जाते है|
- यह शैल समूह प्रदेश में छोटे-छोटे समूह में बिखरा हुआ है|
- बस्तर संभाग में पाया जाने वाला लौह अयस्क इसी चट्टान से प्राप्त होती है|
- इसकी संरचना में माईकासिस्ट, स्लेट, क्वार्ट्जाइट की अधिकता होती है|
- यह चट्टानें कृषि के लिए अनुपयुक्त होती है|
छत्तीसगढ़ में धारवाड़ शैल तीन सीरीज में पायी जाती है|
- चिल्फी घाटी सीरीज- बिलासपुर संभाग
- सोनाखान सीरीज- रायपुर संभाग
- लौह अयस्क सीरीज- दुर्ग-बस्तर क्षेत्र
इस समूह का विस्तार
बघेलखण्ड का पठार: बलराम जिले के रामानुजगंज, वाड्रफनगर
छत्तीसगढ़ का मैदान: कवर्धा, दुर्ग, बेमेतरा, बालोद, रायपुर, गरियाबंद, धमतरी, बलौदाबाजार के कसडोल, कवर्धा जिले के पंडरिया एवं मुंगेली
दण्डकारण्य का पठार: बस्तर संभाग के जगदलपुर, भानुप्रताप, दंतेवाड़ा, मोहला(राजनांदगांव)
Comments
Post a Comment