बस्तर या दण्डकारण्य का पठार

  • भौगोलिक दृष्टि से यह प्रदेश 17˚46" से 20˚34" उत्तरी अक्षांश तथा 80˚15'' से 82˚18" पूर्वी देशांतर के मध्य 39,060 वर्ग किमी में विस्तृत है| छत्तीसगढ़ के कुल क्षेत्रफल का 28. 91% है| 
  •  प्रदेश के अंतर्गत बीजापुर, दंतेवाड़ा, सुकमा, बस्तर, कोंडागांव, नारायणपुर तथा कांकेर जिले एवं राजनांदगांव के मोहेला व मानपुर तहसील सम्मिलित है| 
  • दंडकारण्य प्रदेश अत्यंत प्राचीन शैलों से निर्मित है| इसका उत्तरी भाग ग्रेनाइड एवं नीस से बना पठारी प्रदेश है| 
  • इस प्रदेश की मिट्टी लाल-रेतीले हैं, जो कम उर्वर हैं| जिसके कारण कृषि पर्याप्त विकसित नहीं है| सिंचाई की अल्प सुविधा भी है| 
  • यह प्रदेश गोदावरी प्रवाह तंत्र में सम्मिलित है| गोदावरी की प्रमुख सहायक नदी इंद्रावती इस प्रदेश से   बहती है| 
  • यह सर्वाधिक वर्षा वाला क्षेत्र (अबूझमाड़) है, अबूझमाड़ में छत्तीसगढ़ के इस प्रदेश में लाल-बलुई मिट्टी पायी जाती है|
  • इस प्रदेश के 52% भाग पर वनों का विस्तार है| मुख्यतः साल तथा सागौन के वन पाए जाते हैं| अधिकांश भाग पर साल वन है| 
  •  मुख्यतः वन प्रदेश होने के कारण कृषि क्षेत्र कम है| धान प्रमुख फसल है, परन्तु मक्का, कोदो, कुटकी के पैदावार पर्याप्त होते हैं|
  • यह प्रदेश खनिज संसाधन का भण्डार है| कोरण्डम, किम्बरलाइट, माईका, टिन, लौह अयस्क, चूना, डोलोमाइट बॉक्ससाइड प्रमुख खनिज है|
  •  यह प्रदेश खनिज का भण्डार कहलाता है| 
  • यह छत्तीसगढ़ का सबसे दक्षिणतम भाग है| 
  • इस प्रदेश का निर्माण धारवाड़, ग्रेनाइड एवं नीस चट्टानों से हुई है| लौह अयस्क की प्राप्ति इन्हीं चट्टानों से होती है| 
  • इस प्रदेश को  साल वनों का द्वीप(बस्तर) कहा जाता है| 
  • इस प्रदेश में विश्व का सर्वोत्तम किस्म का सागौन "टिक" कुरसेल घाटी में पाया जाता है| 
  • यह प्रदेश गोंड़ों की भूमि कहलाती है| आदिवासी संस्कृति के लिए विश्व प्रसिद्द है| 
  • इस प्रदेश में स्थित बैलाडिला की पहाड़ियां अपने श्रेष्ठ किस्म के लौह अयस्क के लिए प्रसिद्द है| 
  • इंद्रावती नदी बस्तर के पठार को उत्तर एवं दक्षिण भागों में विभक्त करती है| 
  • इस क्षेत्र से हीरा एवं सोने की भी प्राप्ति होती है|
  • इस प्रदेश की प्रमुख नदी इंद्रावती जगदलपुर के निकट चित्रकोट जलप्रपात बनाती है एवं डंकिनी नदी सूरतगढ़ जलप्रपात| 
  • आर्थिक विकास के अभाव में यह क्षेत्र वर्तमान में नक्सलवादी समस्या से ग्रस्त है|
  • इस प्रदेश के दर्शनीय स्थलों में देश का सबसे बड़ा जलप्रपात चित्रकूट जलप्रपात, कुटुमसर गुफा, इंद्रावती एवं कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान मुख्य हैं|  




Comments