हल्बा जनजाति

  • यह जनजाति आर्थिक दृष्टि से राज्य में सबसे विकसित जनजाति है|
  • ये लोग आपने को महादेव-पार्वती द्वारा उत्पन्न मानते हैं|
  • हल वाहक होने के कारण इन्हें हल्बा कहा जाता है|
  • हल्बा जनजाति की प्रमुख बोली "हल्बी" (बस्तर की संपर्क भाषा) है|
  • इस समूह में "लमसेना जाना" विवाह प्रचलित है|
  • हल्बा समूह में उचित वर न मिलने पर महुआ वृक्ष से विवाह किया जाता है|
  • इनका प्रमुख व्यवसाय कृषि है| कृषि के कारण आर्थिक दृष्टि से विकसित हैं|
  • इस जनजाति के अधिकतर लोगों ने कबीर पंथ को अपना लिया हैं|
  • इस जनजाति में मांस-मदिरा का सेवन वर्जित है|
  • दशहरा, दीपावली, जिदारी, नवाखानी, होली आदि इनके प्रमुख पर्व हैं|
  • इस समूह के लोग लेंजा गीत "धनकुल" का गायन करते हैं|
  • इस जनजाति के रीति-रिवाज हिन्दू धर्म के अत्यंत समीप है|




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