तुरतुरिया

महर्षि वाल्मीकि की पुण्य स्थली तुरतुरिया छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार जिला में स्थित ऐतिहासिक एवं धार्मिक नगरी है| कहा जाता है कि राम द्वारा सीता को त्यागने के बाद सीता ने इसी आश्रम में आश्रय लिया था तथा लव-कुश का जन्म यहीं हुआ था| यह प्रसिद्ध नगरी बलमदेई नदी के तट पर स्थित है| बौद्ध विहार के प्राचीन अवशेष एवं मूर्तियों के लिए यह स्थान ख्याति प्राप्त है| यहाँ पर महर्षि वाल्मीकि का आश्रम दर्शनीय है| छत्तीसगढ़ के प्रमुख पर्व छेरछेरा के दिन यहाँ भव्य मेला का आयोजन होता है| यहाँ से कुछ ही दुरी पर बारनवापारा अभ्यारण्य स्थित है, जो यहाँ की प्राकृतिक सौंदर्यता को बढ़ाता है|


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