छत्तीसगढ़ का दूसरा प्रयाग के नाम से प्रसिद्ध यह ऐतिहासिक एवं धार्मिक स्थल जांजगीर चाम्पा जिला में स्थित है| इस स्थल का उल्लेख पौराणिक ग्रंथ रामायण में मिलता है| इसे नारायण या पुरुषोत्तम क्षेत्र भी कहा जाता है| मान्यता के अनुसार वनवासकाल में राम ने शबरी के जूठे बेर खाए थे| शबरी के नाम पर इस स्थान नाम शिवरीनारायण पड़ा| यह "शबरी की तपोभूमि" कहलाती है| या ऐतिहासिक धार्मिक स्थल छत्तीसगढ़ की गंगा कहे जाने वाली नदी "महानदी" के तट पर स्थित है| यहाँ माघ-पूर्णिमा अवसर विशाल मेले का आयोजन होता है|
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