सन 1965 में इस कंपनी की स्थापना छतीसगढ़ के कोरबा जिले में की गई|
सन 1975 में इस संयत्र का उत्पादन शुरू किया गया|
यह भारत की सबसे बड़ी एल्युमीनियम कंपनी है|
यह एल्युमीनियम पूर्व सोवियत संघ और एवं हंगरी के सहयोग से स्थापित किया गया है|
सन 2001 से यह विनिवेश के द्वारा संयुक्त उपक्रम बन गया, जिसमे सरकार की अंशपूंजी 49% एवं निजी क्षेत्र स्टरलाइट इंडस्ट्रीज की अंशपूंजी 51% है|
इसकी स्थापना में कुल 300 करोड़ रूपए की प्रारंभिक पूंजी निवेश की गई थी|
संयंत्र द्वारा विशेष रूप से सुरक्षा एवं सामरिक आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए एल्युमीनियम की आपूर्ति की जाती है|
पृथ्वी तथा अग्नि मिसाईल का निर्माण एयरक्राफ्ट निर्माण के अतिरिक्त सिक्कों की ढलाई के लिए मिश्रधातु की आपूर्ति की जाती है|
इस संयंत्र द्वारा एल्युमीनियम पिण्ड, रॉड, छड़, इन्गाट, बेलित एल्युमीनियम बार आदि का उत्पादन किया जाता है|
इस संयंत्र को बॉक्साइट की आपूर्ति पहले मुख्य तौर पर अमरकंटक से होती थी, किन्तु उसका भंडारण समाप्त होने के बाद सरगुजा जिले के मैनपाट खदान एवं कोरबा जिले के फुटका पहाड़ से आपूर्ति होती है|
छत्तीसगढ़ देश में एल्युमीनियम धातु का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य है|
सन 2009 में इस संयत्र को फ्यूज तकनीक के आविष्कार के लिए "अंतराष्ट्रीय ग्रीन एप्पल" रजत पुरस्कार प्राप्त है|
सन 2009 में पर्यावरण संरक्षण एवं संवर्धन की दिशा में अत्याधुनिक तकनीकों के इस्तेमाल, वृक्षारोपण और जागरूकता अभियान के उत्कृष्ट प्रबंधन के लिए राष्ट्रीय स्टार पर "सृष्टि गुड ग्रीन गवर्नेंस अवार्ड- 2009" दिया गया|
Comments
Post a Comment