- यह गोत्रं आधारित समाज है| ममेरे-फुफेरे बहनों के मध्य विवाह प्राथमिकता देने वाली प्रथा है|
- इनमे देवर विवाह तथा एसाली विवाह का प्रचलन है|
- इस समूह में बच्चों के लिए एक विशेष स्थान होता है, जिसे "धांगाद बक्सर" कहते हैं| यह लड़के-लड़कियों अलग-अलग होता है|
- इनके समूह में झाड़-फूंक के लिए गुनिया होते हैं|
- ये झांगरदेव, डोंगरदेव, लक्ष्मी माता, दन्तेश्वरी देवी आदि की पूजा करते हैं|
- इनकी प्रमुख बोली उड़िया है|
- जवारा, दिवाली,चैत्र, बड़ाखाना अदि इनके प्रमुख त्यौहार हैं|
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