यह छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले में स्थित प्रसिद्ध ऐतिहासिक एवं धार्मिक नगरी है| सिरपुर का प्राचीन नाम श्रीपुर (समृद्धि की नगरी) एवं चित्रांगदपुर है| इस धार्मिक स्थल का पौराणिक ग्रंथ महाभारत में उल्लेख मिलता है| सिरपुर को शरभपुरीय, सोमवंशीय, पाण्डुवंशीय राजाओं की राजधानी होने का गौरव प्राप्त है| इस प्राचीन स्थल पर लाल ईंटों से "लक्ष्मण मंदिर" स्थापत्य कला का उत्कृष्ट नमूना है| इस मंदिर का निर्माण पाण्डुवंशीय नरेश महाशिवगुप्त की माता महारानी वासटा ने अपने पति हर्षगुप्त की स्मृति में कराया था| यह मंदिर लाल ईंटो से निर्मित भारत सर्वोत्तम मंदिरों में से एक है| राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कृत होना प्रसिद्धि को दर्शाता है| इस स्थल पर बारनावापारा अभ्यारण्य भी स्थित है| यहाँ के जीव-जंतु पर्यटकों को बिना डोर खींच लाता है|
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