पंथी नृत्य

छत्तीसगढ़ में यह नृत्य सतनामी समाज (सतनाम पंथ) का परम्परागत लोकप्रिय नृत्य है| इस नृत्य का प्रमुख विषय सतनाम पंथ के प्रवर्तक गुरु घासीदास का चरित्र होता है| यह नृत्य जैतखाम के चारों ओर गोलाकार रूप में पंथी गायन के साथ किया जाता है| यह एक सामूहिक नृत्य होता है| इसमें पुरुष एवं स्त्रियां दोनों भाग ले सकते हैं| 
यह एक द्रुत गति का नृत्य है| आरंभ में यह नृत्य धीमे गति का होता है, परन्तु धीरे-धीरे लय एवं ताल  के साथ नर्तकों की देहगति एवं नृत्य मुद्राएँ तेजी से बदलती है और चरम पर यह नृत्य द्रुत गति से किया जाता है| इस नृत्य में मुख्य वाद्य मांदर एवं झांझ होता है| 


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