- छत्तीसगढ़, कोयला खनिज की दृष्टि से समृद्ध राज्य है|
- देश के कुल कोयला भण्डार का 17.45% छत्तीसगढ़ में है|
- कोयला भंडारण की दृष्टि से छत्तीसगढ़ का देश में तीसरा (17.34 %) स्थान है|
- छत्तीसगढ़ उत्पादन की दृष्टि से देश में दूसरा स्थान है|
- छत्तीसगढ़ में कोयला गोंडवाना युग के चट्टानों में पाया जाता है|
- राज्य में प्राप्त कोयला बिटुमिनस (मुख्य) एवं लिग्नाइट श्रेणी का है|
- प्रदेश के खनिज राजस्व में सर्वाधिक योगदान कोयले का है|
- छत्तीसगढ़ में कोयले का सर्वाधिक भण्डार कोरबा जिले(सरगुजा के विभाजन के पश्चात) में है|
- छत्तीसगढ़ में कोयला का प्रति टन औसत मूल्य 512 रु. है|
- प्रदेश में यंत्रीकृत कोयला खदान कोरबा जिले के कुसमुंडा, गेवरा तथा कोरबा(माइंस) में स्थित है|
- राज्य में कोयले का खनन एवं विपणन SECL (South Eastern Coalfield Limited) द्वारा किया जाता है|
- कोल इंडिया लिमिटेड के अधीन SECL 2009-10 एवं 2010-11 में कोल इंडिया लिमिटेड की सहयोगी कंपनियों में सर्वाधिक उत्पादन देने के कारण इसे मिनी रत्न का दर्जा प्राप्त है|
राज्य में कोयला उत्पादन क्षेत्र
कोरबा कोयला क्षेत्र
- कोरबा, गेवरा दीपका, कुसमुंडा, गेवरा माइंस, मानिकपुर आदि
कोरिया कोयला क्षेत्र
- क़ुरासिया, चिरमिरी, सोहागपुर, सोनहत, झगराखंड, भरतपुर, जनकपुर, मनेंद्रगढ़ आदि
रायगढ़ कोयला क्षेत्र
- मांड नदी घाटी(वर्तमान में सबसे बड़ा भण्डार), छाल, धरमजयगढ़, घरघोड़ा, टेलीपाली, जामपाली, डोमनारा, आदि
सूरजपुर कोयला क्षेत्र
- रामकोला, झिलमिली, विश्रामपुर (दूसरा SECL का मुख्यालय)
बलरामपुर कोयला क्षेत्र
- तातापानी, तारा, शंकरगढ़ उलिया आदि
सरगुजा कोयला क्षेत्र
- लखनपुर, सोडिया आदि
- तातापानी, तारा, शंकरगढ़ उलिया आदि
सरगुजा कोयला क्षेत्र
- लखनपुर, सोडिया आदि
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