सरहुल लोकपर्व

छत्तीसगढ़ में यह उरांव जनजाति का प्रमुख पर्व है| इस पर्व के अवसर पर सूर्यदेव और धरती माता का प्रतीकात्मक विवाह रचाया जाता है| अप्रैल माह के आरंभ में सम्पूर्ण जनजाति के लोग मुर्गे को सूर्य व काली मुर्गी को धरती माता का प्रतीक बनाकर इनका विवाह विधि-विधान के साथ कराते हैं| यह पर्व आदिम जनजाति के प्रकृति प्रेम का उत्कृष्ट उदाहरण है|


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