वर्तमान में छत्तीसगढ़ औद्योगिक प्रगति के पथ पर तेजी से अग्रसर है, जहाँ एक ओर धान के लहलहाते खेत दिखाई देते हैं, तो वहीँ उद्योगों की चिमनियों से निकलता धुँआ भी राज्य की औद्योगिक संपन्नता का प्रमाण देता है|
प्रदेश में खनिज, ऊर्जा, जल एवं मानवीय संसाधन होने के बावजूद राज्य के गठन तक क्षमतानुसार प्रदेश का औद्योगीकरण नहीं हुआ| स्वतंत्रता से पूर्व छत्तीसगढ़ में सूती वस्त्र उद्योग, कोसा उद्योग, जूट उद्योग एवं हस्तशिल्प उद्योग ही मुख्य स्थापित उद्योग थे| छत्तीसगढ़ में स्वतंत्रा के समय मुख्यतः दो ही बड़े उद्योग थे| प्रथम नागपुर काटन मिल्स(1892), राजनांदगांव तथा दूसरा रायगढ़ में सन 1935 में स्थापित मोहन जूट मिल
स्वतंत्रता के बाद छत्तीसगढ़ में उद्योगों का नियोजित विकास द्वितीय पांचवर्षीय योजना से आरंभ हुआ और यंहा उद्योगों की एक विशाल शृंखला स्थापित होते चली गई| राज्य में मुख्यतः दुर्ग, रायपुर, बिलासपुर जिले में ही औद्योगिक विकास संकेन्द्रित रहा|
छत्तीसगढ़ में उद्योग
1. खनिज आधारित उद्योग
कृषि आधारित उद्योग
- चावल उद्योग
- मैदा उद्योग
- भोरमदेव सहकारी शक्कर कारखाना
- दंतेश्वरी सहकारी शक्कर कारखाना
- माँ महामाया सहकारी शक्कर कारखाना
वन आधारित उद्योग
- रेशम उद्योग
- कोसा उद्योग
- कत्था उद्योग
- लाख उद्योग
- कागज उद्योग
- फर्नीचर उद्योग
- बीड़ी उद्योग
- लकड़ी चिराई उद्योग
- हर्रा उद्योग
Comments
Post a Comment