खनिज, प्रकृति प्रदत्त धरोहर है| आधुनिक तथा औद्योगिक सभ्यता के विकास का आधार भी खनिज ही है| छत्तीसगढ़ खनिज संसाधन की दृष्टि से समृद्ध राज्य है| राज्य गठन के बाद व्यापक स्तर पर खनिज सर्वेक्षण के कारण खनिज उत्पादन तथा खनिज राजस्व में सम्मानजनक वृद्धि है|
खनिज संसाधन छतीसगढ़ राज्य की पृथक पहचान है| राज्य खनिजों की बहुलता तथा विविधता है| बैलाडीला का विश्वविख्यात लौह-भण्डार राज्य का धरोहर है| राज्य में कोयला, बॉक्साइड, चूना पत्थर तथा डोलोमाइट का बाहुल्य है| सामरिक महत्व में टिन अयस्क का पूरे राष्ट्र में छत्तीसगढ़ एकमात्र उत्पादक राज्य है|
छत्तीसगढ़ में औद्योगिक खनिज के साथ बहुमूल्य रत्न पाए जाते है| राज्य के गरियाबंद जिले के देवभोग में अलेक्जेंड्राइट, मैनपुर तथा तोकापाल में हीरा के पर्याप्त भण्डार पाए गए हैं|
छत्तीसगढ़ के प्रमुख खनिज
कोयला | लौह अयस्क | चूना पत्थर | बॉक्साइट | टिन अयस्क | हीरा | डोलोमाइट | एलेक्जेंड्राइट | कोरण्डम |
छत्तीसगढ़ के अन्य खनिज
स्वर्ण | ग्रेनाइट |यूरेनियम| अभ्रक | तांबा | फ्लुओराइट | गारनेट | क्वार्ट्जाइट | मैंगनीज | सीसा | एस्बेस्टॉस | सोपस्टोन | गैलेना | बेरील | केओलिन (चीनी मिट्टी)
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