छत्तीसगढ़ की मिट्टी

भारत के ह्रदय स्थल में बसा छत्तीसगढ़ प्रदेश, भारत के दक्षिण पठार का हिस्सा है| जहाँ बहुत बड़े हिस्से में अवशिष्ट मिट्टी पायी जाती है| मिट्टी धरातल की ऊपरी सतह होती है, जिसका निर्माण रेत, क्ले, ह्यूमस(वनस्पति अंश) एवं अन्य खनिजों से होता है| मिट्टी ही किसी क्षेत्र की समृद्धि का आधार होता है| 

छत्तीसगढ़ कृषि प्रधान राज्य है| इस कारण छत्तीसगढ़ के सामाजिक-आर्थिक विकास में इसका महत्वपूर्ण योगदान है| क्षेत्र विशेष की जलवायु, मौलिक चट्टानों, वनस्पति की मात्रा, जल निकास आदि कारकों से मृदा के स्वरूप में प्रादेशिक आधार पर भिन्नता पायी जाती है| भौतिक संरचना में भिन्नता के कारण छत्तीसगढ़ प्रदेश के भौतिक प्रदेशों में अलग-अलग मिट्टी के समूह पायी जाती है| 

संगठन, संरचना, रंग तथा गुण के आधार पर छत्तीसगढ़ में मृदा को निम्नलिखित वर्गों में बांटा गया है:
  1. लाल-पीली मिट्टी 
  2. लाल बलुई मिट्टी 
  3. काली मिट्टी 
  4. लाल-दोमट मिट्टी 
  5. लेटेराइट मिट्टी 


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